Chapter-8.3 : Output Device क्या है ? आउटपुट डिवाइस के प्रकार

Output Device क्या है
Figure : Output Device क्या है

1. Output Device क्या है ?

Output Device क्या है :- वे डिवाइस, जो कम्प्यूटर द्वारा इनपुट किये गये डेटा को प्रोसेस कर उनको आउटपुट के रूप मे डिस्प्ले करता है , उनकों आउटपुट डिवाइस कहा जाता है जैसे कि मॉनिटर, प्रिंटर, स्पीकर आदि ।

“वे डिवाइस जिनके द्वारा कंप्यूटर से प्राप्त परिणामों को आउटपुट के रूप में प्रदर्शित किया जाता है आउटपुट डिवाइसेज कहलाती हैं ”

Output Device क्या है ॥

2. Types of output Device – आउटपुट डिवाइस के प्रकार

  • Monitor – मॉनिटर
  • Plotter – प्लॉटर
  • Printer – प्रिंटर
  • Headphones – हेडफोन
  • Speaker – स्पीकर
  • Projector – प्रोजेक्टर

2.1. Monitor – मॉनिटर

मॉनिटर, कम्प्यूटर हार्डवेयर का सबसे महत्वपूर्ण भाग है। जिसको विजुअल डिस्प्ले यूनिट – Visual Display Unit भी कहते है। मॉनिटर का कार्य CPU के द्वारा प्रोसेस किये हुए डेटा को output के रूप मे प्रदर्शित करना होता है। आधुनिक युग मे मॉनिटर का डिजाइन देखने मे बिल्कुल LCD की तरह होता है। लेकिन पुराने समय मे मॉनिटर का डिजाइन CRT मॉनिटर की तरह होता था जो वजन मे भी काफी भारी होते थे, उन मॉनिटर मे CRT – Cathode Ray Tubes टेक्नोलॉजी का प्रयोग होता था।

कंप्यूटर मॉनिटर के प्रकार :

  • CRT Monitor – सीआरटी मॉनिटर
  • TFT Monitor – टीएफटी मॉनिटर
  • LCD Monitor – एलसीडी मॉनिटर
  • LED monitor – एलईडी मॉनिटर
  • OLED Monitor – ओलेड मॉनिटर
  • CRT monitor – सीआरटी मॉनिटर:

कम्प्यूटर के अंतर्गत इन मॉनिटर का प्रयोग पुराने समय मे किया जाता था जिसमें CRT अर्थात Cathode Ray Tube टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया जाता था जो साइज मे बहुत बड़े और वजन मे काफी भारी होते थे तथा इनमें बिजली की खपत भी ज्यादा होती थीं।

TFT monitor – टीएफटी मॉनिटर:

सीआरटी मॉनिटर के बाद जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी मे बढ़ोतरी हुई वैसे-वैसे ही नये-नये आविष्कार का जन्म होने लगा, अब सीआरटी मॉनिटर की जगह TFT ने लेली थीं।

TFT को हम Thin Film Transistor के नाम से भी जानते है ये मॉनिटर सीआरटी मॉनिटर की अपेक्षा मे काफी अच्छी picture क्वालिटी provide करते है। इन मॉनिटर मे बिजली की खपत भी बहुत कम होती है।

LCD Monitor – एलसीडी मॉनिटर:

टीएफटी मॉनिटर के बाद मार्केट मे एलसीडी मॉनिटर का चलन शूरु हो गया था, जिसको बनाने मे लिक्विड क्रिस्टल – Liquid Crystal का प्रयोग होने लगा । इसलिये इन मॉनिटर को लिक्विड क्रिस्टल डिस्प्ले – Liquid Crystal Display  भी कहा जाता है । ये मॉनिटर एलसीडी मॉनिटर के मुकाबले काफी अच्छे होते थे । टीएफटी मॉनिटर की अपेक्षा इनमें बिजली की खपत भी बहुत कम होती थीं तथा वजन मॆ भी इतने हल्के होते थे कि इनको एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने मे कोई समस्या नहीं होती थीं

LED monitor – एलईडी मॉनिटर:

आधुनिक युग मे एलसीडी मॉनिटर की जगह अब LED मॉनिटर ने ली है । ये मॉनिटर, एलसीडी मॉनिटर की अपेक्षा और भी बिजली कम खर्च करते है । इनमें Light-Emitting Diode टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया गया है ये वजन मे और भी ज्यादा हल्के तथा पतले होते है इस समय एलईडी मॉनिटर का प्रयोग लैपटॉप , डेस्कटॉप , टीवी , टेबलेट , मोबाइल आदि सभी उपकरणों मे होने लगा है ।

OLED monitor – ओलेड मॉनिटर:

OLED monitor की Full From – Organic Light Emitting Diodes है। ओलेड मॉनिटर की Picture quality सबसे अच्छी होती है इसका विजुअल एक्सपीरियंस सबसे अच्छा होता है इस मॉनिटर मे भी बिजली की खपत बहुत कम होती है यह टेक्नोलॉजी Led मॉनिटर की अपेक्षा बहुत महंगी होती है।

2.2. Plotter – प्लॉटर

प्लॉटर एक आउटपुट डिवाइस है इसका आविष्कार रेमिंगटन-रैंड ने सन्‌ 1953 मे किया गया था। प्लॉटर का डिजाइन प्रिंटर की तरह होता है प्लॉटर का प्रयोग करके हम किसी भी तरह की ड्राइंग ,चार्ट एवम्‌ ग्राफ आदि को प्रिंट कर सकते हैं आजकल मार्केट मे जो बड़े – बड़े बैनर अथवा पोस्टर लगे दिखाई देते उन सबको प्लॉटर के द्वारा ही प्रिंट किया जाता हैं| प्लॉटर के द्वारा 3D पोस्टर को भी प्रिंट किया जा सकता हैं

2.3. Printer – प्रिंटर

प्रिंटर का प्रयोग हम डिजिटल इंफार्मेशन को प्रिन्ट करने के लिये करते है | यह एक ऐसी इलेक्ट्रॉनिक डिवाईस है जो कि कम्प्युटर में स्टोर दस्तावेज़ों की सॉफ्ट कॉपी को हार्ड कॉपी में कन्वर्ट करने का कार्य करती हैं। विभिन्न- विभिन्न प्रकार के पेपर साइज के अनुसार, मार्केट मे अलग अलग तरह के प्रिंटर उप्लब्ध है जिनका प्रयोग करके हम टेक्स्ट तथा चित्र आदि को पेपर पर प्रिंट कर सकते है |

2.4. Headphones – हेडफोन

हेडफ़ोन एक ऐसा उपकरण है जिसमें छोटे – छोटे लाउडस्पीकर लगे होते है,  हेडफ़ोन  के माध्यम से यूजर किसी भीं दूसरे युजर से आसानी से बाते कर सकता है आमतौर पर ज्यादातर लोग हेडफ़ोन का इस्तेमाल ऑनलाइन चैटिंग के लिये करते है

2.5. Speaker – स्पीकर

कंप्यूटर स्पीकर एक आउटपुट डिवाइस है जिसका प्रयोग ध्वनि को उत्पन्न करने के लिए किया जाता है, स्पीकर एक ऐसा यंत्र है जिसको कंप्यूटर के साथ अलग से जोड़ा जाता है जिसका मुख्य उद्देश्य कंप्यूटर के माध्यम से ऑडियो साउंड को सुनना होता है. यह स्पीकर कंप्यूटर से प्राप्त इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल को ऑडियो में बदल देता है।

आज के समय में सभी लोग मल्टीमीडिया, गेम्स, ऑडियो, विडिओ आदि को एंटरटेनमेंट के लिये ज्यादा इस्तेमाल कर रहे है जिसमें स्पीकर की विशेष महत्व है  Speaker दो प्रकार के होते है, जैसे कि – Passive Speaker और Powered Speaker, Passive Speaker के अंतर्गत इन्टरनल एम्पलीफायर का समावेश नही होता है, क्योकि इसको, एक स्पीकर वायर का इस्तेमाल करके एम्पलीफायर से जोड़ा जाता है इसके विपरीत Powered Speakers में इन्टरनल एम्पलीफायर मौजूद रहता है जिसके द्वारा हम साउंड वॉल्यूम को बढ़ा सकते है।

2.6. Projector – प्रोजेक्टर

प्रोजेक्टर का आविष्कार सन 1894  में चार्ल्स फ्रांसिस जेनकिंस के द्वारा किया गया था। प्रोजेक्टर भी आउटपुट डिवाइस के अंतर्गत आता हैं प्रोजेक्टर का प्रयोग करके हम किसी भी इमेज अथवा वीडियो को एक प्रोजेक्शन स्क्रीन (सफेद परदा) पर प्रदर्शित कर अपने युजर्स को दिखा सकते हैं। है। आज के समय में प्रोजेक्टर  का अधिकांश प्रयोग कांफ्रेंस रूम, क्लासरूम और मूवी थिएटर में किया जाता है

प्रोजेक्टर को निम्न प्रकार से वर्गीकृत किया गया हैं

  • मूवी प्रोजेक्टर  
  • वीडियो प्रोजेक्टर    
  • स्लाइड प्रोजेक्टर

यह भी जाने : Printer क्या है एवम्‌ इसके प्रकार || Plotter क्या है ?

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